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हिमाचल के दैनिक वेतनभोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को भी ओपीएस का बड़ा लाभ! जानें

➤ दैनिक वेतनभोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अब ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ
➤ 14 फरवरी 2019 की अधिसूचना में संशोधन; सुप्रीम कोर्ट के सुरेंद्र सिंह केस का लाभ सभी को
➤ 5 साल दैनिक वेतन सेवा = 1 साल क्वालीफाइंग सर्विस, अधिकतम 2 साल का लाभ


हिमाचल प्रदेश सरकार ने दैनिक वेतन आधार पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के सुरेंद्र सिंह केस के आदेश के आधार पर सभी पात्र कर्मियों पर लागू होगा। वित्त विभाग ने इस संबंध में 14 फरवरी 2019 की अधिसूचना को संशोधित करते हुए सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए हैं।

इस निर्णय से राज्य के हजारों दैनिक वेतनभोगियों की पेंशन का रास्ता साफ हो गया है। लंबे समय से लंबित मांगों और असमानताओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अब संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को दैनिक वेतन सेवा का लाभ पेंशन में जोड़ा जाएगा, जिसमें 5 वर्ष दैनिक वेतन = 1 वर्ष क्वालीफाइंग सर्विस माना जाएगा। हालांकि, अधिकतम 2 वर्ष की क्वालीफाइंग सर्विस का ही लाभ मिलेगा।

यह आदेश ओपीएस की 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी बहाली के बाद लागू किया गया है। इस लाभ का फायदा उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो अब सीसीएस पेंशन नियम 1972 के तहत हैं। साथ ही जिन चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को नियमितीकरण नीति के तहत नियमित किया गया था, वे भी पेंशन के पात्र होंगे, बशर्ते नियमित सेवा और दैनिक वेतन सेवा मिलाकर कुल 10 वर्ष की सेवा पूरी हो जाए।

जिन कर्मचारियों को 15 मई 2003 या उसके बाद नियमित किया गया था और वे एनपीएस में शामिल थे, वे भी अब पेंशन के हकदार होंगे। इसके लिए उन्हें ओपीएस विकल्प चुनना होगा और सरकार द्वारा एनपीएस में जमा किया गया योगदान एवं लाभांश सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा। जिन्होंने अब तक विकल्प दर्ज नहीं किया है, वे 60 दिन के भीतर विकल्प दे सकेंगे

पेंशन की प्रभावी तिथि भी स्पष्ट की गई है—
1 जनवरी 2018: उन कर्मियों के लिए जो 15 मई 2003 से पहले नियमित हुए थे
1 अप्रैल 2023: उन कर्मियों के लिए जो 15 मई 2003 के बाद नियमित हुए और पहले एनपीएस में शामिल थे